मौन मुखरित है मनीष मूंदड़ा के काव्य-संग्रह 'कुछ अधूरी बातें मन की' में
नाइजीरिया में एक फर्टिलाइजर कंपनी का कार्यभार संभालते हुए कोई शख्स नियमित फोटोग्राफी करे, पेंटिंग करे, स्कैचिंग करे और फिर पता चले कि एक दिन 'आँखों देखी' जैसी सार्थक फिल्म का निर्माता भी बन गया, तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है, लेकिन पेशे से कारोबारी मनीष मूंदड़ा का मन मूलत: रचनात्मक कार्यों म…